जिस प्रकार से दुनिया में कुपोषण और भुखमरी के लिए स्पेन का टमाटीनो फेस्टिवल जिम्मेदार हैं। जैसे ब्राज़ील के सालाना कार्निवाल दुनिया में अश्लीलता बढ़ा रहा हैं उसी तरह से दिवाली ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के लिये जिम्मेदार है। परन्तु भारतियो ने इस बार क्योटो प्रोटोकॉल , ग्रीनपीस और फोर्ड फाउंडेशन की राय को दर्किनार करते हुए दिपावली मनाने की जुर्रत की है।
कई साल से जारी SILENT और CRACKER LESS दिवाली मानाने का चलन इस बार टूट गया हैं। इस बार बाज़ार से 'मनमोहन सिंह' बम गायब् हैं।
दुकानदारों ने बताया की विदेशी पटाखो पर रोक के कारण 10 साल से राज करने वाला 'सोनिया बम' इस बार बाजार में नहीं आया हैं।
दुकानदार 'उद्धव बम' के खूब पैसे मांग रहे है। खूब मोलभाव के बाद लोग कह रहे है 'देना है तो दे नहीं तोह 40 बैठे है तेरे जैसे '।
जिन लोगो ने 13 इन 1 'राज ठाकरे' बम ख़रीदा वो ठगा गेए। पूरे बम में से सिर्फ एक ही बम फटा।
बाजार में दुकानो ने 'बीजेपी पटाखा' भी रखा तो गया है पर अलग से, वो कहते हैं इस पटाखे ऊपरे देख कर सेक्युलर जमात के 'मुलायम;ओवेसी' जैसे पटाखे जलने लागते हैं।
'अडवानी बम' वो पटाखा हैं जो घर वाले बच्चो को कहते है 'आखिरी में चलाएंगे' और फिर उसका नंबर कभी नहीं आता।
'मुलायम सिंह बम' चलने पर हरी हरी रोश्नी होती है और फ़िर अचानक से अन्धेरा छा जाता है।इस बम को बिजली के खंबो और उपकरणों से दूर जलाये। इसके फटने से अक्सर फ्यूज चला जाता हैं।
'ओवैसी पटाखा' के नाम से टिकली बिक रही है ।बच्चे चप्पल से ज़मीन पर रगड़ कर फोड़ रहे हैं।
'कुमार विश्वास' के नाम से कोई बम नहीं हैं।। उनके नाम से दूकान वाले माचिस की तिल्ली बेच रहे हैं।
'केजरीवाल राकेट' ध्यान से चलाये ।।यह पलट कर आप-के घर पर ही फूटेगा। खास तरह का ये पटाखा ४९ दिन बाद बेअसर हो जाता है.। इसे चलने से पूर्व सिर और कान कवर कर ले। धुए से खाँसी भी आ सकती है।
गोवर्धन पूजा पर अहिरो में प्रचलित 'लालू गोबर' भी इस बार गायब हैं। लोग कहते हैं अब बयोगेस और गोबरगेस बनायेगे ।
'अजित' और 'जयंत' नसल का गन्ना कई साल से लक्ष्मी के 'चरण' में चढ़ाया जा रहा था। इस बार बाड़ में फसल बह गयी हैं। पता नहीं फिर भी किसान खुश है।
'ममता पटाखा' भी हैं परन्तु बारूद के बाजाय इसमें RDX के प्रयोग के कारण सरकार ने इसे WEAPON OF MASS DESTRUCTION मानते हुए प्रतिबन्ध लगा दिया गया हैं।
'राहुल' और 'प्रियंका' नाम से फुलझड़ी और महगी वाली पेंसिल हैं-पर इन्हें कोई भी खरीदता हैं तो बच्चे टोक कर बोलते है- अबे बच्चा हैं क्या।
वैसे बाजार में राजनाथ सिंह और डा हर्षवर्धन गिफ्ट पैक भी मौजूद हैं, जहाँ राजनाथ गिफ्ट पैक जिसमे खूब महंगे पटाखे के साथ साथ , कभी कभी अच्छी स्कॉच या व्हिस्की भी होती हैं , सिर्फ पुलिस वालो के बीच लिया और दिया जा रहा। इसकी ख़ास बात हैं की ये महंगा होने के बावजूद इसका कोई पेमेंट होता।
वहीँ दूसरी तरफ़ डा हर्षवर्धन गिफ्ट पैक डॉक्टर समाज के बीच प्रचलित हैं जो अक्सर M.R घर पर दे जाते। इसमें बिना आवाज़ के आर्गेनिक पटाखे मिल जाते हैं और साथ में मिठाई होती हैं जो शुगर और कोलेस्ट्रोल फ्री होती हैं।
वैसे बाजार में राजनाथ सिंह और डा हर्षवर्धन गिफ्ट पैक भी मौजूद हैं, जहाँ राजनाथ गिफ्ट पैक जिसमे खूब महंगे पटाखे के साथ साथ , कभी कभी अच्छी स्कॉच या व्हिस्की भी होती हैं , सिर्फ पुलिस वालो के बीच लिया और दिया जा रहा। इसकी ख़ास बात हैं की ये महंगा होने के बावजूद इसका कोई पेमेंट होता।
वहीँ दूसरी तरफ़ डा हर्षवर्धन गिफ्ट पैक डॉक्टर समाज के बीच प्रचलित हैं जो अक्सर M.R घर पर दे जाते। इसमें बिना आवाज़ के आर्गेनिक पटाखे मिल जाते हैं और साथ में मिठाई होती हैं जो शुगर और कोलेस्ट्रोल फ्री होती हैं।
दिपावली का दवाब और जनधन योजना ने माता लक्ष्मी और कुबेर का भी दिवाला निकाल दिया। उन्होने शरद पवार के बटुए से कुछ पैसे उधार मांगे हैं।
लोग इस बार पूजा के पट्टे पर लाल के बजाय भगवा कपडा बिछा रहे हैं। बच्चे 'अमित शाह बुद्धि' की प्रार्थना करने में लगे हैं।
बाजार में एक 'इंजिनियर पटाखा' भी हैं। लाख दियासिलाई दिखाओ नहीं फतेगा।
तभी फटता हैं जब आप इसके पास "रिजल्ट आने वाला हैं'' बोलेंगे।
सबसे ख़ास। 'मोदी' के नाम का पटाखा नहीं पूजा का दिया बिक रहा हैं। वो दिया जिसमे घर वाले रात को उठके भी घी भरते है और उमीद् करते है कि पूरे 5 दिन जलता रहेगा, घर में रोशनी करेगा,खुशिया लायगा। धन धान्य की वर्षा करेगा।
लोगो से इसबार उम्मीद है की वो फिर से भारतीय स्वरुप में दीवाली मनाएंगे। अपने घर के साथ साथ आस पास की भी जगहों पर सफाई करेगे। फ़िर् से बाजार की मिठाई से अलग घर में गुजिया;मठरी और सेव बनाये ।
#SWACH BHARAT #MADE IN INDIA
इन्हि सबके बीच थोडे से पटाखे , मिथाइ और कपडे उन गरीब् बच्चो में बान्टे आपकी दीपावली "सत्य-आर्थि ' होगी ,नोबल होगी।
दिपावली पर्व धूम धाम से मनाये, पटाखे चलाये जरूर पर थोडे। बच्चो को रोके नही , ये उनकी मासूम बचपन कि यादो का हिस्सा हैं। जैसे जैसे बडे होगे, अपने आप निर्णय लेगे।
PS
ये अच्छा हैं कि भग्वान् राम त्रेता युग में अयोध्या गये, आज न तो दिपवली के समय IRCTC की टिकट मिलती और ना ही वनवासी राम कोलम्बो से अयोध्या का, 3 जन का फ्लाइट टिकट खरीद् पाते।
आप सभी को दिपावली की बहुत बहुत शुभकामनाये।
केजरीवाल राकेट सही था । बहुत खूब लिखा , भारतीय राजनीति पटाखो की जुबानी ।
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