Wednesday, January 21, 2015

सरकार में मतभेद का ओबामा कनेक्शन

नईदिल्ली ,
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा से पूर्व,आठ महीने पुरानी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में बड़ा मतभेद उजागर हुआ हैं। इस मतभेद में मूल में केंद्र सरकार को दो वरिष्ठतम मंत्रियो के बीच नंबर दो की लड़ाई के रूप मे देखा जा रहा हैं। घटना मंगलवार देर रात १९ जनवरी की हैं जब सरकार में ग्रह मंत्री, राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री से मिलने उनके निवास  स्थान ७ रेसकोर्स रोड पहुंचे। मुलाकात की वजह सीमा पर ताजा गोलीबारी की घटनाओ को बताया गया। परन्तु भोकाल टाइम्स के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मुलाकात में राजनाथ ने राष्ट्रपति ओबामा की यात्रा से जुडा मुद्दा उठाया । सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया की वे ओबामा से उनके लिए आते वक़्त ड्यूटी फ्री से ६ जैक डेनियल की बोतल लाने आग्रह  करे। प्रधानमंत्री से ऐसी ही सिफारिश सिंह ने उनकी सितम्बर की अमरीका यात्रा के दौरान भी की थी लेकिन विमान में बैग की  वजन सीमा ४० किलो पूरी होने की वजह से मोदी उनकी ये ख्वाहिश पूरी नहीं कर पाये थे। उस समय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी ५ किलो बिंदिया मोदी के बैग में रखवाई थी परन्तु मीडिया ( भोकाल टाइम्स नही ) ने उसे प्रधानमंत्री की राजनाथ से उनके पुत्र पंकज सिंह की कार्यशैली पर नाराजगी से जोड़ दिया था। सूत्रों पर विश्वास करें तो तैयारी से आये राजनाथ को मोदी मना नहीं कर पाए और उन्हें ओबामा से बात करने का आश्वासन देकर ही वापिस भेजा । 


सिंह से मोदी ने जब पूछा कि ड्यूटी फ्री से सिर्फ २ लीटर ही शराब लायी जा सकती हैं, जिस पर राजनाथ ने स्पष्टीकरण दिया की सी.आई.एस.एफ उनके मंत्रालय के अंतर्गत आती हैं और वो हवाई अड्डे पर इसका इंतज़ाम कर देंगे। प्रधानमंत्री ने वजन का बहना बनाने पर राजनाथ ने उन्हें बोतल दिल्ली IGI हवाईअड्डे से खरीदने की सलाह दी ना कि JFK हवाईअड्डे से। मन में अपनी बात मनवाने की ठान कर आये सिंह ने जब मोदी से उसी समय ओबामा से बात करने की बात कही तो प्रधानमंत्री ने देर रात होने का हवाला दिया जिस पर राजनाथ ने अमरीका में सुबह होने की बात की। मोदी ने पलटकर प्रातः शराब की बात करने पर अपनी शंकाए जताई। यहाँ तक की मोदी से सिंह की मुलकात के दौरान  सरसंघचालक मोहनराव भागवत का फ़ोन भी आया और उन्होंने राजनाथ को बड़े फैसलों में साथ लेने की सलाह दी। संघप्रमुख ने सामान न आने पर उत्तरप्रदेश में ठाकुरो के बड़े वोट बैंक के नाराज़ हो जाने की तरफ आगाह किया।अपने को हाशिये पे धकेले जाने से दुखी ग्रहमंत्री इस बार मोदी से आश्वासन ही लेकर बाहर  आये। 

पर यह बात यही नहीं रुकी । प्रधानमंत्री ने जब इस घटना का जिक्र सरकार में वित्तमंत्री और संकटमोचक अरुण जेटली से किया तो उन्होंने भी मोदी को ओबामा से ६ I Phone ६ लाने का आग्रह करने को कहा। इसे पहली नजर में  राजनाथ के समर्थको द्वारा उनका सामान रोकने की सोच समझी रणनीति के तौर पर समझा जा रहा हैं। 

प्रधानमंत्री ने देश के चालू  वित्तीय घाटे  के लक्ष्य न पूरा करने  का हवाला देते हुए महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण विदेशो से आयात करने पर चिंता जताई और अपनी और से जेटली को चेताया। अपने हर फैसले में वित्तमंत्री की राय को अहमियत देने वाले मोदी का ये बयान उनकी अरुण जेटली द्वारा एनडीटीवी और बरखा दत्त को बारबार दिए जा रहे इंटरव्यू से नाराजगी बताया जा रहा हैं। इस कथन से चिंतित, पेशे से वकील जेटली जल्द ही मोदी की नाराजगी समज गए और भविष्य में ऐसा न होने भरोसा दिलाया । मोदी ने भी " मेक इन इंडिया " की वकालत करते हुए उनहे आश्वासन दिया की वो ओबामा को २ फ़ोन लाने को  बोल देंगे। 

इन घटनाओ से साफ़ हैं की सरकार शीर्षतम मंत्रियो के बीच किस कदर गहरे मतभेद हैं और अविश्वास का माहौल हैं। मंत्री अपने को सरकार में दुसरे स्थान पर स्थापित करने के लिए  किस हद तक जा सकते हैं। इस खबर की पुष्टि IBN ७ के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता आशुतोष ने अपने सूत्रों से की हैं और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये हैं। इसी बीच अमेरिकी सरकार में ख़ुफ़िया विबाग के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया हैं की वाइट हाउस को पीएमओ से इस बाबत फ़ोन आ चूका हैं और राष्ट्रपति ओबामा ने उन्हें अपने बैग में जगह होने पर उनका सामान लेकर आने का भरोसा दिलाया हैं। खबर तो यहाँ तक हैं की फोटोग्राफी के शौक़ीन प्रधानमंत्री स्वयं अपने लिए अमरीका से NIKON 5200D कैमरा मंगवाना चाह रहे थे जो वो सितम्बर में अमरीकी दौरे पर व्यस्तता के कारण नहीं खरीद पाये थे परन्तु अपने शीर्ष  कैबिनेट सहयोगियों के लिए उन्होंने अब मन बदल दिया है। उन्होंने भारतीय मज़दूर संघ के विरोध को नजअंदाज़ कर फ्लिपकार्ट पर आर्डर कर दिया हैं। इसे उनके सरकार में संघ परिवार के बढते प्रबाव के रोकने की कोशिश माना जा सकता है जो ऐसी वेबसाइट पर प्रतिबंध की मांग कर रहा हैं।  

वही दूसरी तरफ अमरीका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने मोदी की सितम्बर में हुई यात्रा में राजकीय भोज में शामिल न हो पाने पर खेद जाताया हैं। उस समय उन्होंने भोज में शामिल न होने की वजह अस्वस्थता को  बताया था परन्तु  अब इस बात का खुलासा हुआ हैं की  नाराज़गी की वजह प्रधानमंत्री का उनके लिए गुजरात से फाफड़ा और ढोकला न लाना थी।लेकिन अब मोदी के निमंत्रण से उत्साहित ओबामा दंपती पुरानी बातो को भूल कर भारत आने को तैयार हैं। देखना ये हैं की क्या प्रधानमंत्री अपने राजनैतिक कौशल का परिचय देते  हुए ये जेटली और राजनाथ के बीच के मतभेद सुलझा पाएंगे और दूसरी  तरफ राष्ट्रपति ओबामा अपने साथ इतना सामान ला पाएंगे। सबकी नजरे अब २५ जनवरी को मोदी-ओबामा की मुलाकात पर टिकी हैं जिससे प्रधानमंत्री के घरेलू मोर्चे और अंतराष्ट्रीय मामलो को एकसाथ सुलझाने की क्षमता का पता चलेगा।   

No comments:

Post a Comment