न्यू हस्तिनापुर टेलीविशन
हस्तिनापुर राज्य की स्थापना के साथ ही उसके चौथे स्तम्भ मीडिया का जन्म हुआ। शुरूआती वर्षो में सरकार द्वारा संचालित व्यास दर्शन और आकाशवाणी ही एकमात्र साधन थे। परन्तु दुर्योधन के युवराज बनने के बाद नव उदारवाद का दौर शुरू हुआ, मीडिया और केबल टीवी को निजी क्षेत्र के लिए खोल गया। इसी दौर में 'न्यू हस्तिनापुर टेलीविशन' तेजी से उभरता हुआ अपनी जगह बनता हैं।
ऐन.एच.टी.वी की स्थापना संजय ने की।संजय की शुरुआत महाराज ध्रितराष्ट्र की BMW और AUDI रथो के सारथि के तौर पर होती हैं।कुछ ही वर्षो में महाराज की सिफारिश से उसे व्यासदर्शन पर नौकरी मिल जाती हैं और वो "हस्तिनापर दिस वीक" जैसे कार्यक्रम की शुरुआत करता हैं । उदारवाद के बाद बदली हुयी परिस्थितियों और युवराज दुर्योधन की मदद से संजय प्राइवेट न्यूज़ चैनल का लाइसेंस प्राप्त करने में सफल होता हैं और ऐन.एच.टी.वी की नीव डालता हैं।आगे चलकर संजय 'पुष्पक एयरलाइन्स' के साथ मिल कर एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में कदम भी रखता है।इसी दौर में महाराज ध्रितराष्ट्र उन्हें अपना मिडिया सलाहकार भी नियुक्त करते हैं।
2002, महाभारत युद्ध को को चैनल का स्वर्णिम काल कहा जाए तो गलत नहीं होगा जब उसने TRP के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। संजय के पारिवारिक मित्र आधीरथ और राधा इसी दौरान बतौर रिपोर्टर कदम रखते हैं.
युद्ध के दौरान जहाँ एक वर्ग उसकी तारीफ़ करता हैं वहां एक बड़ा वर्ग उसकी नकारात्मक, भड़काऊ, संवेदनहीन रिपोर्टिंग की आलोचना भी करता हैं। उस पर जॉर्नलिस्टिक एथिक्स को ताक पर रख पक्षपाती रिपोर्टिंग से वॉर एस्कलेट करने के आरोप भी लगते हैं। ऐन.एच.टी.वी ने युद्ध के दौरान जान बूझकर 'घटोत्कच वध' और 'अभिमन्यु हत्याकांड' को दबाया, साथ ही 'गुरुद्रोण वध' और युवराज दुर्योधन के बहनोई जयद्रथ के एनकाउंटर को बड़ा चढा कर पेशकर कौरव समुदाय में अपनी जगह बनायीं। ऐन.एच.टी.वी पर ये आरोप भी लगा की उसने जयद्रथ एनकाउंटर के बाद बने कृपाचार्य कमीशन की रिपोर्ट के साथ छेड़खानी कर घटना के समय में बदलाव कर उसे फर्जी बताने का प्रयास भी किया।
पोस्ट कुरुक्षेत्र
अब समय काफी बदल गया हैं और हस्तिनापुर में महाराज युधिस्ठिर की सरकार हैं। कुरुक्षेत्र ग्राउंड लीज पर देने की एवज में उसके मालिक को और भगवान् कृष्ण के सहयोगी सुदर्शन को भी न्यूज़ चैनल का लाइसेंस मिल गया हैं और वो पूरी तरह महाराज के साथ हैं। सुदर्शन अपनी ज्यादा ही धारदार रिपोर्टिंग से विवादित ज्यादा हैं।
ऐन.एच.टी.वी की TRP अब सबसे नीचे पायदान पर हैं और उस पर ५करोड़ सोने की अशर्फियों को लेकर फोरेक्स मापदंडों की अवहेलना के मामले में FEMA और ED की जांच का खतरा बना हुआ हैं। महाराज के प्रिय नकुल और सहदेव अक्सर उस पर इंटरव्यू और बाइट्स देते हुए नज़र आते हैं जिससे पांडव सेना काफी रोष में हैं। चैनल अक्सर महाराज को 'बुचर ऑफ़ कुरुक्षेत्र' और 'मिसोञनिस्ट हू गंबेल्ड हिज वाइफ' जैसे उपनाम देकर कौरव समुदाय में जगह बनाया हुआ हैं। संजय के लिए सबसे ज्यादा परेशानी स्वामी विदुर बने हुए हैं जो अभिमन्यु हत्याकांड की फिर से जांच करवाने के लिए उच्तम न्यायलय में अर्जी दे चुके हैं। उनका आरोप हैं कि ऐन.एच.टी.वी ने घटना ने दौरान अपनी रिपोर्टिंग से अभिमन्यु की लोकशन्स और जीपीएस कॉर्डिनट्स शत्रु सेना को मुहैया करा के देशद्रोह का कार्य किया हैं। चैनल की नयी मुसीबत संजय द्वारा ,VVIP रथो के लिए पूर्व महारानी गांधारी के मायके से ईरानी घोड़ो की खरीद में १२५ करोड़ अशर्फियों की दलाली लेने को लेकर हैं।
अधिरथ और राधा के चैनल को द्वारका के एक बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट ने खरीद लिया हैं। संजय अब सक्रिय पत्रकारिता से निवृत हो चुके हैं। महाराज युधिस्ठिर की सरकार के दमनचक्र के विरोध में ऐन.एच.टी.वी अपनी स्क्रीन काली कर दी हैं और उसे सिर्फ पूर्व राजमाता गांधारी काली पट्टी बाँधे देखती रहती हैं।
*ब्लॉग की प्रेरणा शिव मिश्रा जी द्वारा लिखित "दुर्योधन की डायरी से" ली गयी हैं।
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