Tuesday, June 7, 2016

" राहुल " शाह जफ़र


न किसी का नूर हूँ 







History repeats itself. Last Mogul Bhadur Shah Jafar was exiled to Yangoon but Last Gandhi voluntarily exiled to Bangkok writing Rahulnama.



ना किसी का नूर हूँ
ना किसी के दिल का करार हूँ ,
कांग्रेस के काम न आ सका
मै इंदिरा का पोता-ए-बेकार हूँ।

ना राजीव सा 'ग्लैमरौस' ,
ना नेहरू सा चार्म हूँ
एक गाल पर खड्डा लिए
दीदी के लिए पार्टी का रिफार्म हूँ।

मेरा उम्र ए दराज़ थोडा बड़ गया,
दोस्त भीम भी बिछड़ गया।
जो चमन बसाया जवाहर ने
मै उसकी चौथी पीढ़ी ए बेजार हूँ।

कोई मुझ से मिले क्यों,
कोई पॉवर का जहर चटायें क्यों
कोई प्रचार करने बुलाये क्यों
मैं लुटियन का बासी हुआ सत्ता का आचार हूँ।

मैं जनपथ रहू या रोम बसूँ
ना माँ मुझसे खुश ना पार्टी खुश मुझसे
कितनी बार फाइनल  'कमिंग औफ ऐज' कहूँ
मै क्यों जाके 7 आर सी आर रहूँ

न किसी का नूर हूँ
न किसी का करार हूँ----- -


राहुल शाह जफ़र


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